मध्य प्रदेश सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। वर्षों से रुकी हुई पदोन्नति और आरक्षण से जुड़े मामलों में सरकार ने समाधान निकालने की दिशा में कदम बढ़ाया हैं। इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
सरकार की नई पहल
मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण और ओबीसी कोटे से जुड़े मुद्दों के हल के लिए अधिकारियों को जल्द से जल्द ठोस समाधान निकालने का निर्देश दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग अब विभिन्न कर्मचारी संगठनों से बात कर उनकी राय ले रहे है ताकि एक व्यावहारिक समाधान निकाला जा सके।
सरकार पहले ही मंत्रियों की एक समिति बनाकर इस मुद्दे पर चर्चा कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज गोरकेला के नेतृत्व में एक नए नियम का मसौदा भी तैयार किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया था।
कर्मचारियों की लंबी प्रतीक्षा
2016 से मध्य प्रदेश में पदोन्नति से जुड़े नियमों के रद्द होने के कारण हजारों सरकारी कर्मचारी बिना पदोन्नति पाए ही रिटायर हो गए । सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया था , जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा था ।
सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई का अनुरोध करने किया जा रहा है यदि कोर्ट से सकारात्मक निर्णय मिलता है, तो जल्द ही सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति शुरू हो सकता है।
ओबीसी आरक्षण पर बड़ा फैसला
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27% आरक्षण को लेकर भी विवाद चल रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, इस मुद्दे पर सरकार और विभिन्न संगठनों के बीच कई बार चर्चाएँ हुआ है , लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है ।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी पक्षों से चर्चा कर कोई समाधान निकालें ताकि इस मामले का जल्द से जल्द निपटाया जा सके सरकार की मंशा है कि ओबीसी समुदाय को उनका पूरा हक मिले और साथ ही अन्य वर्गों के साथ न्याय हो।
पदोन्नति को लेकर कर्मचारियों की चिंता
सरकारी कर्मचारियों के दो प्रमुख वर्ग इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने हैं। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के कर्मचारी चाहते हैं कि उनके लिए पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था जारी रहे।
अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि मेरिट के आधार पर सभी को समान अवसर मिलना चाहिए।
दोनों पक्षों के तर्कों को ध्यान में रखते हुए सरकार एक ऐसा समाधान निकालना चाहता है जिससे सभी को न्याय मिले और कोई भी वर्ग अपने अधिकार से वंचित न रहे।
सरकार का अगला कदम
सरकार ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही इस मामले में कोई ठोस निर्णय ले सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग इस मुद्दे को लेकर महाधिवक्ता से कानूनी सलाह लेने की प्रक्रिया में है।
यदि सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सक्रिय होता है और कोई ठोस निर्णय लियाजाएगा जिससे राज्य के हजारों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत मिलेगा ।
कर्मचारियों के लिए यह सौगात क्यों है महत्वपूर्ण?
रुकी हुई पदोन्नतियों को मिलेगी मंजूरी – कई सरकारी कर्मचारी वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं।
वेतन वृद्धि और सुविधाओं का लाभ – पदोन्नति से कर्मचारियों के वेतन और अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगा ।
आरक्षण से जुड़े विवाद का निपटारा हो सकता है – इससे ओबीसी समुदाय को उनका अधिकार मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
सरकारी महकमों में कामकाज में सुधार – योग्य कर्मचारियों की पदोन्नति से सरकारी दफ्तरों में कार्यकुशलताबढ़ सकता है ।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। यदि सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करवाने में सफल होता है, तो हजारों कर्मचारियों को उनकी प्रतीक्षित पदोन्नति और वेतन मे वृद्धि मिल सकेगा ।